जिंदगी
क्या है जिंदगी ― जिंदगी एक खेल है जिस खेल के अनेक मतलब होते है।अपनो के लिए ही जीना जिंदगी नहीं है,उसके लिए जियों जिसे जरूरत हो तुम्हारी।हरेक इंसान अपने जिंदगी को अलग अलग तरह सर खर्च करता है।इस जिंदगी का सबसे बड़ा उसूल है खुशी जो आपको और महान बना देती है।इंसान को महान सबसे पहले अपने लिए बनना पड़ता है तभी वो पूरी दुनिया के लिए महान होता है,चाहे वो किसी भी क्षेत्र में क्यो न हो। लाख परेशानियां हो लेकिन उसको अपने चेहरे पर न के बराबर लाना ये भी एक पहलू है जिंदगी का क्योको अगर आप परेशान हो तो आपसे जुड़े लोग भी परेशान होंगे।इसीलिए अपने आत्म शक्ति को अपनी ताकत बनाओ जिससे लाख कमजोरी भी धुंए के बादल की तरह उड़ जाए।समय बदलता गया जीने की शैली भी बदली लेकिन मक़सद आज भी वही है क्योंकि जीने की शैली बदल जाने से जिंदगी नही बदलती बस एक तरीका अलग हो जाता है जीने का।कोई भगवान कहलाता है क्यो,क्योंकि भगवान वो होता है जो हमेशा सबको खुश राखे तभी तो बचपन से यही बताया जाता है कि सबके अंदर भगवान है कारण यही है कि अगर आप सबको अपने तरीके से खुश रखते है तो आप भी भगवान है।अपने अंदर के भगवान को पहचानना भी जिंदगी है इसके लिए आपको अनेक ऐसे कार्य करने होंगे जिससे किसी को ठेस न पहुँचे किसी की भावनाओं को आहत न पहुँचे। जिंदगी में कार्य बहोत जरूरी है क्योंकि कार्य से ही आपको शक्ति मिलेगी जो इस जीवन मे बहुत ज्यादा जरूरी है।
मैंने इस छोटे से लेख में अपनी मन की भावनाओं को प्रदर्शित किया है।अगर कोई त्रुटि हो या कोई बात जिसमे आप सुधार लाना चाहते हो कृपया जरूर बताएं जिसे की मैं इस छोटे से लेख को आपकी सोच आधार पर भी निर्धारण कर सकूं
धन्यवाद
क्या है जिंदगी ― जिंदगी एक खेल है जिस खेल के अनेक मतलब होते है।अपनो के लिए ही जीना जिंदगी नहीं है,उसके लिए जियों जिसे जरूरत हो तुम्हारी।हरेक इंसान अपने जिंदगी को अलग अलग तरह सर खर्च करता है।इस जिंदगी का सबसे बड़ा उसूल है खुशी जो आपको और महान बना देती है।इंसान को महान सबसे पहले अपने लिए बनना पड़ता है तभी वो पूरी दुनिया के लिए महान होता है,चाहे वो किसी भी क्षेत्र में क्यो न हो। लाख परेशानियां हो लेकिन उसको अपने चेहरे पर न के बराबर लाना ये भी एक पहलू है जिंदगी का क्योको अगर आप परेशान हो तो आपसे जुड़े लोग भी परेशान होंगे।इसीलिए अपने आत्म शक्ति को अपनी ताकत बनाओ जिससे लाख कमजोरी भी धुंए के बादल की तरह उड़ जाए।समय बदलता गया जीने की शैली भी बदली लेकिन मक़सद आज भी वही है क्योंकि जीने की शैली बदल जाने से जिंदगी नही बदलती बस एक तरीका अलग हो जाता है जीने का।कोई भगवान कहलाता है क्यो,क्योंकि भगवान वो होता है जो हमेशा सबको खुश राखे तभी तो बचपन से यही बताया जाता है कि सबके अंदर भगवान है कारण यही है कि अगर आप सबको अपने तरीके से खुश रखते है तो आप भी भगवान है।अपने अंदर के भगवान को पहचानना भी जिंदगी है इसके लिए आपको अनेक ऐसे कार्य करने होंगे जिससे किसी को ठेस न पहुँचे किसी की भावनाओं को आहत न पहुँचे। जिंदगी में कार्य बहोत जरूरी है क्योंकि कार्य से ही आपको शक्ति मिलेगी जो इस जीवन मे बहुत ज्यादा जरूरी है।
मैंने इस छोटे से लेख में अपनी मन की भावनाओं को प्रदर्शित किया है।अगर कोई त्रुटि हो या कोई बात जिसमे आप सुधार लाना चाहते हो कृपया जरूर बताएं जिसे की मैं इस छोटे से लेख को आपकी सोच आधार पर भी निर्धारण कर सकूं
धन्यवाद