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Thursday, July 18, 2019

Indian Secular and secularism

     When I think about secularism, than one idea comes on my mind, How much country or how much population involved or like of secular society. Is secularism a good thought or not, If good  than it should be larger then non secular, Is it right?



      More than 52 countries are Islamic out of 193 and more the 80 are Christians  that means 68% of countries not follow secularism. what Indian secular have thought about these country, 



     Now we talk about Indian secular, who is Indian secular ? A judge, who give the order to distribute of Quran, A chef minister who arrange salary for molanas of mosque and father of church or A leader who announce special low for special religion, or Any those person or celebrity who protect of a religious criminal and say secular of himself .

      I saw,  the tender of secularism in India  only for majority. Total meaning of secularism is changed in India even world also . Is money the meanings of  secularism. 

Who is responsible of changing the definition of secularism?

Media ?

Politics?

Money?

or any other?

According  to me all three are responsible for changing the definition, In India secularism rule is only foe Hinduism, and the victim only Muslims .  

If our country is secular than,How and why any government give the money for Molanas of other selective religious teacher. If it should be than why not for all. And how a politician go in a religious place for bagging vote and call himself secular, and why reservation system is depends on religion .



And if media is secular then why they use religious or cast word on news. If any muslim say about religion than it has been his personal, And the right of freedom of speech. And if any Hindu says about these words, He will be intolerant.


Why a little  matter make mob lynching for muslims only. And victim also a muslim always in news .

If this is secularism, than secularism is more dangerous the religious .

I hope you will thought about  right secularism.

thank you

Tuesday, December 4, 2018

Argemone mexicana, सत्यानाशी

सत्यानाशी,Argemon



भड़भाड़सत्यानाशी या घमोई एक अमेरिकी वनस्पति है, लेकिन भारत में यह सब स्थान पर पैदा होती है। प्राचीन ग्रंथों में इसे स्वर्णक्षीरी  भी कहा गया है अंग को तोड़ने से उसमें से स्वर्ण सदृश, पीतवर्ण (पीले रंग) का दूध निकलता है, इसलिए इसे स्वर्णक्षीरी भी कहते है। सत्यानाशी का फ़ल चौकोर, कंटकित, प्यालानुमा होता है, जिनमें राई की तरह छोटे-छोटे कृष्ण बीज भरे रहते हैं, जो जलते कोयलों पर डालने से भड़भड़ बोलते हैं। उत्तर प्रदेश में इसको भड़भांड़ या भड़भड़वा भी कहते है। वनस्पति के सारे पौंधों पर काटें होते है।आयुर्वेदिक ग्रंथ 'भावप्रकाश निघण्टु' में इस वनस्पति को स्वर्णक्षीरी या कटुपर्णी के नाम से लिखा है[1]
इसके बीज जहरीले होते हैं। कभी-कभी सरसों में इसे मिला देने से उसके तेल का उपयोग करने वालों की मृत्यु भी हो जाती है।आयुर्वेदिक ग्रंथ 'भावप्रकाश निघण्टु' में इस वनस्पति को स्वर्णक्षीरी या कटुपर्णी कहा गया है I
विभिन्न भाषाओं में  इसे भिन्न नामों से जाना जाता है
अंग्रेजी मेंArgemone mexicana (Mexican poppy, Mexican prickly poppy, flowering thistle, cardo or cardosanto)
संस्कृत मेंकटुपर्णी, कान्चक्षीरी, स्वर्णक्षीरी, पीतदुग्धा
हिंदी मेंस्याकांटा, भड़भांड, सत्यानाशी, पीला धतूरा, फिरंगीधतूरा
मराठी मेंमिल धात्रा, काटे धोत्रा 'बिलायत'
गुजराती मेंदारूड़ी
पंजाबी मेंसत्यानाशी, कटसी, भटकटैया करियाई
बंगाली मेंशियालकांटा, सोना खिरनी
तमिल मेंकुडियोटि्ट, कुश्मकं
सत्यानाशी का विंभिन्न राेगो में उपयोग।
•Satyanashi Plant / आर्युवेद में सत्यनाशी पौधा एक बहुउपयोगी औषधि रूप है। सत्यनाशी यानि कि सभी प्रकार के रोगों का नाश करने वाला खास वनस्पति। सत्यनाशी पौधा बंजर, नदी किनारे, जगलों, खाली जगहों में पाये जाते हैं। सत्यनाशी पौधा लगभग 3 फीट तक लम्बा होता है। फूल पीले और पत्ते हरे तेज नुकीले होते हैं। और बीज सरसों दानों की तरह होते हैं। कोमल पत्ते-तने तोड़ने पर दूध जैसा तरल निकलता है। सत्यनाशी पौधा भारत में लगभग सभी राज्यों में पाया जाता है। जिसे अलग-अलग नामों  स्वर्णक्षीरी, कटुपर्णी, पीला धतूरा, स्याकांटा, फिरंगीधूतरा, भड़भांड़, काटे धोत्रा, मिल धात्रा, दारूड़ी, चोक, कटसी, भटकटैया पौधा, सोना खिरनी, कुश्मक, शियालकांटा, कुडियोटिट, और अंग्रेजी में Argemone mexicana, Prickly Poppy, Mexican Poppy, Satyanashi से पुकारा जाता है।

 सत्यनाशी औषधि और तेल रूप में इस्तेमाल किया जाता है।




•चोट घाव में सत्यनाशी पौधा / Topical Pain Relief for Wounds
चोट घाव ठीक करने में सत्यनाशी फूल, पत्तियों का रस अचूक औषधि मानी जाती है। सत्यनाशी फूल पत्तियों का रस घाव जल्दी भरने में सहायक और घाव को संक्रमित होने से बचाने सहायक है।

•पीलिया में सत्यनाशी / Jaundice Cure, Satyanashi
पीलिया रोग होने पर आधा चम्मच सत्यनाशी तेल गन्ने जूस के साथ पीने से पीलिया से जल्दी छुटकारा मिलता है। साथ में मूली पत्तियों की सब्जी खायें।

•दमा रोग में सत्यनाशी / Asthma Relief
सत्यनाशी फूल, कोमल पत्तों से कांटे अलग करे, फिर फूल और कांटे बिने पत्तों को बरीक पीसकर फंक बना लें। रोज सुबह शाम सत्यनाशी आधा चम्मच से कम फंक गर्म पानी के साथ सेवन करने से दमे की खांसी से जल्दी आराम मिलता है। और 1 चम्मच सत्यनाशी तेल मिश्री, गुड़ के साथ खाने से दमा रोग से जल्दी छुटकारा मिलता है।

•कुष्ठ रोग रोकथाम में सत्यनाशी / Cure Leprosy
कुष्ठ रोग फैलने से रोकने में सत्यनाशी सहायक है। सत्यनाशी के फूल, पत्तों और नींम के पत्तों को बारीक कूटकर पानी में उबालें। फिर पानी गुनगुना ठंड़ा होने पर नहायें। आधा चम्मच सत्यनाशी फूल रस दूध के साथ सेवन करें। सत्यनाशी तेल खाने में इस्तेमाल, और कुष्ठ ग्रसित त्वचा पर लगायें। सत्यनाशी पौधा कुष्ठ रोगी के लिए फायदेमंद है।

•जलोदर में सत्यनाशी / Ascitic Tap, Ascites Remedies
Ascitic / जलोदर (पेट, फेफड़ों, शरीर अंगों में पानी भरने पर) समस्या सत्यनाशी असरदार औषधि मानी जाती है। सत्यनाशी के फूल, पत्तों, तनों का ताजा 1-1 चम्मच रस नित्य सुबह शाम सेवन करने से जलोदर समस्या जल्दी ठीक करने में सहायक है। 1 चम्मच सत्यनाशी तेल चुटकी भर सेंधा नमक 1 गिलास गुनगुने पानी के साथ रोज पीयें। और सत्यनाशी पत्तों, तनों से निकला दूध गाय के दूध के साथ मिश्रण कर सेवन करें। शरीर अंगों में पानी भरने पर सत्यनाशी पौधा असरदार घरेलू औषधि है। मैं जलोधर में सत्यानाशी घन , जलोधरारि रस , नारायण चूर्ण के साथ देता हुं।

•आंखों के विकारों के लिए सत्यनाशी / Home Remedies, Itchy Eyes, Eyesight
नजर कमजोर होने पर, मोतियाबिन्दु होने पर सत्यनाशी के दूध को मिश्री, कच्चे दूध के साथ सेवन करना फायदेमंद है। सत्यनाशी दूध और ताजा मक्खन या फिर गाय के घी के साथ मिलाकर आंखों पर सुरमे – काजल की तरह लगाने से अंधापन्न, रतौंदी, आंखों जलन समस्या दूर करने में सहायक है। मैं सत्यानाशी का दूध ताजा डलवाता हुं साथ में आँवला मुरब्बा , सप्ताम्रत लौह के साथ खिलाता हुं।

•मुंह के छालों में सत्यनाशी / Mouth Ulcer Cure
मुंह में छालों की समस्या में सत्यनाशी कोमल डठंल, पत्तियां चबायें। और 10-15 मिनट बाद दही मिश्री खायें। नमक, मिर्च, तीखा खाने से बचें। सत्यनाशी से मुंह के छालों के जलन दर्द में ठंडक शीलता मिलती है। मुंह के छालें तुरन्त ठीक करने में सत्यनाशी, दही मिश्री सहायक है।

•तुतलाने-हकलाने पर सत्यनाशी  / Stutter, Semantics, Stammering Cure
हकलाने तुतलाने की समस्या में सत्यनाशी पत्तों – तनों के दूध को जीभ कर लगाना फायदेमंद है। और सत्यनाशी पत्तों का रस बरगद के पत्तों पर लगाकर हल्का 5-7 मिनट सुखायें। फिर खाने के दौरान थाली की जगह बरगद के पत्तों का इस्तेमाल करें। और बरगद के पत्तों पर लगे सत्यनाशी रस पर शहद लगाकर चाटने से बच्चों की तुतलाने-हकलाने की समस्या जल्दी ठीक करने में सहायक है। इसके साथ ब्राह्मी वटी , वृहत वात चिंतामणि रस का सेवन करें , बहुत लाभ होगा।

•बवासीर में सत्यनाशी / Hemorrhoids Cure, Remedies
बवासीर को ठीक करने में सत्यनाशी एक खास औषधि रूप है। सत्यनाशी जड़, चक्रमरद बीज और सेंधा नमक बारीक पीसकर चूर्ण तैयार कर लें। रोज सुबह शाम चुटकी भर सत्यनाशी मिश्रण चूर्ण दही के साथ खाने से बवासीर घाव ठीक करने और बवासीर जड़ से मिटाने में सहायक है। सत्यनाशी जड़, चक्रमरद बीज और सेंधा नमक मिश्रण गुड़ पानी के साथ भी सेवन कर सकते हैं।
साथ में कांकायन वटी , सूरनकंद,सलाद ,अर्शकुठार रस का सेवन भी कर सकते है।

•दांतों के लिए सत्यनाशी / God for Teeth
दांतों में कीड़ा लगने पर सत्यनाशी तने और नींम तने से लगातार रोज दांतून करने से दांतों के कीड़ा, दांत दर्द से जल्दी छुटकारा मिलता है। दांतों के लिए सत्यनाशी तना और नींम तना से एक साथ मिलाकर दांतुन करना खास फायदेमंद है।

•गैस कब्ज में सत्यनाशी / Gas, Acidity, Stomach Pain, and Badjhmi Relief
गैस कब्ज समस्या में सत्यनाशी जड़ और अजवाइन उबालकर काढ़ा तैयार कर लें। रोज सुबह शाम सत्यनाशी काढ़ा पीने से गैस कब्ज की समस्या मात्र 10-15 दिनों में ठीक करने में सहायक है। हिंग्वाष्टक चूर्ण , गैसहर चूर्ण , लवणभास्कर भी ले सकते है।

पेट कीडे साफ करे सत्यनाशी  / Home Remedies for Intestinal Worms
पेट में कीड़ों की समस्या होने पर सत्यनाशी जड़ और आधे से थोड़ा कम मात्रा में कलौंजी मिलाकर पीसकर फंक गुनगुने पानी के साथ पीने से पेट के कीड़े शीध्र नष्ट करने में सहायक है। कृमीकुठार रस , कृमिमुदगर रस , कमीला दही में मिलाकर भी प्रयोग किया जा सकता है।

•खाज खुजली में सत्यनाशी / Ringworm Remedies
सत्यनाशी बीज और सत्यनाशी दूध मिश्रण कर ग्रसित खाज खुजली वाली त्वचा पर लगाने से जल्दी आराम मिलता है। सत्यनाशी फूल पत्तों का आधा-आधा चम्मच रस रोज सुबह शाम पीयें। खाज खुजली ठीक करने में सत्यनाशी फायदेमंद है। सत्यानाशी घन , स्वादिष्ट विरेचन चूर्ण, पंचतिक्तघृत गुगल के साथ प्रयोग कर सकते है।

•गठिया जोड़ों के दर्द में सत्यनाशी तेल / Essential Oils for Rheumatoid Arthritis
सत्यनाशी तेल में लहसुन पकाकर अच्छे से मालिश मसाज करने से गठिया जोड़ों के दर्द में असरदार दर्द निवारण है।

•पुरूर्षों महिलाओं की अन्दुरूनी कमजोरी दूर करे सत्यनाशी / Natural Ways to Boost Your Libido
पुरूर्षों महिलाओं दोनों की अन्दुरूनी गुप्त बीमारी नपुंसकता, धातुरोग, वीर्य कमजोरी, शुक्राणुओं की गड़बड़ी और निसंतान कलंक दूर करने में सत्यनाशी पौधा एक अचूक प्राचीनकालीन औषधि है। महिलाओं पुरूर्षों के गुप्त रोगों में सत्यनाशी के फूल रस, पत्तियों का रस  आधा चम्मच सुबह शाम कच्चे दूध के साथ सेवन करना फायदेमंद है। सत्यनाशी बीज तेल से मालिश और 50 ग्राम सत्यनाशी जड़ों 1 लीटर पानी में हल्की आंच में उबाल कर काढ़ा तैयार करें और रोज सुबह शाम 2-2 चम्मच पीने से जल्दी फायदा होता है। निसंतान दंम्पतियों के लिए सत्यनाशी पौधा अचूक औषधि मानी जाती है। पुरूर्षों महिलाओं के लिए सत्यनाशी Libido Boosters  है। ज्यादा लाभ के लिए आप मेरे क्लीनिक पर ‌तैयार होने वाले नुस्खे जैसे महासागर वटी , तूफानी ताकत महायोग अड़वास , तूफानी ताकत महायोग, जीवन जौश महायोग , शाही महायोग आदि अपनी जरूरत, बलाबल अनुसार  डाक/कोरियर द्वारा लें सकते है।

•लिंग कमजोरी दूर करे सत्यनाशी तेल मालिस / Penic Enlargement Oil
सत्यनाशी बीज तेल मालिस मसाज पुरूर्षों की लिंग स्थिलिता कमजोरी दूर करने में खास सहायक है। सत्यनाशी तेल मालिस कमजोर नसों में रक्त संचार तीब्र और सुचारू बनाये रखने में और लिंगवर्धक में सक्षम है। ज्यादा लाभ हेतू मेरे क्लीनिक पर तैयार लिंगदोष नाशक तिला , लेप आदि डाक/कोरियर द्वारा मंगवा सकते है।

•पेशाब जलन में सत्यनाशी / Good for Urinary Tract Infection
पेशाब में जलन, संक्रामण होने पर सत्यनाशी जड़ों को उबालकर काढ़ा तैयार कर लें। रोज सुबह शाम पीने से पुरानी से पुरानी पेशाब जलन – दर्द समस्या दूर करने में सहायक है।इसके साथ आप चंद्रप्रभा वटी, चंदनासव का प्रयोग भी कर सकते है।

सावधानियां / Satyanashi Disadvantages
सत्यनाशी सेवन गर्भावस्था के दौरान मना है।
गम्भीर सर्जरी में सत्यनाशी सेवन मना है।
सत्यनाशी सेवन 2 साल से छोटे बच्चों के लिए मना है।

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